Menu
blogid : 14887 postid : 21

चीन से समझौते के बाद भी संदेह बरकरार

International Affairs
International Affairs
  • 94 Posts
  • 5 Comments

chinaभारत की तीन दिवसीय यात्रा पर आए चीनी प्रधानमंत्री ली केकियांग से बातचीत के बाद दोनों देशों ने आपसी सहमति से 8 समझौतों पर हस्ताक्षर किए. चीन ने जहां भारत से व्यापार संबंधों को और मजबूत बनाने के लिए अपनी इच्छा जताई वहीं भारत ने भी चीन से भारतीय व्यापार के लिए अधिक उदारतापूर्ण रवैया अपनाने के लिए बात की. विवादित सीमा मुद्दों के अतिरिक्त दोनों देशों ने व्यापार, संस्कृति तथा विवादित ब्रह्मपुत्र नदी के जल विवाद पर भी बात की तथा इनसे संबंधित समझौतों पर हस्ताक्षर किए.  भारत-चीन के बीच हुए 8 समझौते इस प्रकार हैं:

Read: क्या वाकई रिश्ते मजबूत करना चाहते हैं चीनी प्रधानमंत्री ली केकियांग


1. भारतीय विदेश मंत्रालय और चीनी विदेश मंत्रालय के बीच भारत से कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए चीनी तिब्बत प्रदेश जाने वाले यात्रियों पर सहमति पत्र: दोनों ही देश हर वर्ष मई से सितंबर के बीच अमरनाथ यात्रा के लिए सहमत हुए. चीन ने अमरनाथ यात्रियों को और अधिक सुविधाएं उपलब्ध कराने पर सहमति जताई. इसके साथ ही चीन ने यात्रियों को वायरलेस सेट और सिम कार्ड उपलब्ध कराए जाने पर भी सहमति जताई है.


2.भारतीय वाणिज्य-व्यापार मंत्रालय एवं चीनी वाणिज्य मंत्रालय के बीच ज्वाइंट इकोनॉमिक ग्रुप के अंतर्गत तीन ग्रुप की वर्क तालिका पर करार: इस समझौते के तहत तीन तरह के वर्किंग ग्रुप का निर्धारण किया गया जो अग्रलिखित हैं:

i) सर्विस ट्रेड प्रमोशन वर्किंग ग्रुप (Services Trade Promotion Working Group),

ii) इकोनॉमिक एंड ट्रेड प्लानिंग कोऑपरेशन (Economic And Trade Planning Cooperation)

iii) ट्रेड स्टैटिस्टिकल एनालिसिस (Trade Statistical Analysis).

Read: सावधान!! आपकी हर बातचीत और मैसेज का रिकॉर्ड है!!


3. प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण, समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण एवं भारतीय निर्यात निरीक्षण परिषद और गुणवत्ता पर्यवेक्षण, निरीक्षण और संगरोध के चीनी प्रशासन के बीच बफैलो (buffalomeat) मांस, मत्स्य उत्पाद, फ़ीड और फ़ीड सामग्री पर करार: भारत और चीन के बीच समुद्री उत्पाद और खाद्यान्न (feed and feed ingredients) एवं कृषि आधारित उत्पादों के सुरक्षित और स्वस्थ व्यापार के लिए सहमति बनी. इस समझौते पर उद्योग और कपड़ों के भारतीय वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा, गुणवत्ता पर्यवेक्षण, निरीक्षण और संगरोध के चीनी मंत्री के झाई शुपिंग (zhi Shuping) ने समझौते पर हस्ताक्षर किए.


4. भारत गणराज्य के शहरी विकास मंत्रालय और चीन के पीपुल्स गणराज्य के राष्ट्रीय विकास और सुधार आयोग के बीच सीवेज ट्रीटमेंट के क्षेत्र में सहयोग के लिए सहमति ज्ञापन: शहरी क्षेत्र में सीवेज के निर्माण और ट्रीटमेंट के लिए दोनों देशों ने सहयोग बढ़ाने के मकसद के लिए हामी भरते हुए इस ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए. ज्ञापन पर हस्ताक्षर भारत की ओर से योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलुवालिया तथा चीन के राष्ट्रीय विकास और सुधार आयोग मंत्री झू शाओशी (Xu Shaoshi) ने की.

Read: बैटरी को छत पर लगाइए, बिजली की समस्या से मुक्ति पाइए


5. भारतीय जल संसाधन मंत्रालय, गवर्नमेंट ऑफ द रिपब्लिक ऑफ इंडिया, राष्ट्रीय विकास और सुधार आयोग एवं पीपुल्स ऑफ द गवर्नमेंट रिपब्लिक ऑफ चाइना के बीच सिंचाई के क्षेत्र में पानी के सहयोग पर सहमति ज्ञापन: ज्ञापन पर हस्ताक्षर भारत की ओर से योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलुवालिया तथा चीन के राष्ट्रीय विकास और सुधार आयोग मंत्री जू शाओशी (Xu Shaoshi) ने की. कृषि के क्षेत्र में विकास के लिए दोनों देश सिंचाई उपकरणों का अदान-प्रदान करेंगे और एक-दूसरे की इस क्षेत्र में विकास के लिए हर संभव  मदद करेंगे.


6. भारतीय विदेश मंत्रालय एवं चीनी प्रेस, प्रकाशन, रेडियो, फिल्म और टेलीविजन प्रशासन के बीच शास्त्रीय और समकालीन सांस्कृतिक धरोहरों के के विषय में किताबों के के प्रकाशन एवं भारतीय तथा चीनी भाषाओं में उनके अनुवाद में सहयोग पर सहमति ज्ञापन: भारतीय विदेश सचिव रंजन मथाई व प्रेस, प्रकाशन, रेडियो, फिल्म और टेलीविजन के चीनी उप मंत्री वू शुलिन (Wu Shulin) ने ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए. इसके अनुसार 5 वर्ष की अवधि में दोनों देशों के शास्त्रीय और समकालीन विषयों पर अधारित 25 किताबों का अनुवाद और प्रकाशन किया जाएगा. भारतीय भाषाओं के पुस्तकों का चीनी भाषा में तथा चीनी भाषाई पुस्तकों का भारतीय भाषाओं में अनुवाद व प्रकाशन किया जाएगा. दोनों देशों ने आपसी संपर्क बढ़ाने के लिए पारस्परिक मीडिया संपर्को व युवाओं के एक-दूसरे के देशों में आने-जाने को प्रोत्साहित किए जाने पर बल दिया.

Read: महिलाओं को सुरक्षित कैसे करें


7. भारतीय जल संसाधन मंत्रालय एवं चीनी जल संसाधन मंत्रालय के बीच भरत में बाढ़ के दिनों में ब्रह्मपुत्र नदी [चीन की यालुजंगबु(Yaluzangbu)]के पानी के विषय में सूचना के प्रावधान पर सहमति ज्ञापन: भारत के जल संसाधन सचिव डॉ. एस.के. सरकार तथा प्रेस, प्रकाशन, रेडियो, फिल्म और टेलीविजन के चीनी उप मंत्री वू शुलिन (Wu Shulin) ने ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए. हर साल 1 जून से 15 अक्टूबर के बीच मुख्यधारा पर हाइड्रोलॉजिकल स्टेशनों के संबंध में चीन बीजिंग के समय से दो बार (8:00 बजे और 20:00) बजे ब्रह्मपुत्र नदी के जल स्तर, कटाव और बारिश की स्थितियों की जानकारी भारत को उपलब्ध कराएगा.


8. भारतीय विदेश मंत्रालय व चीनी विदेश मंत्रालय के बीच भारत और चीन के शहरों को जोड़ने में सहयोग, सुविधाजनक बनाने पर सहमति ज्ञापन: चीन में भारत के राजदूत डॉ. एस. जयशंकर तथा प्रेस, प्रकाशन, रेडियो, फिल्म और टेलीविजन के चीनी उप मंत्री वू शुलिन (Wu Shulin) ने ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए.  दोनों देश सहोदर शहर (सिस्टर सिटी ) व प्रांतों को चिह्नित करने पर भी राजी हुए हैं. चीन ने भारत के पूर्वोत्तर के राज्यों के आर्थिक विकास में भी पूरी मदद करने का आश्वासन दिया है. इसके लिए चीन ने आर्थिक सहयोग का ऐसा मॉडल विकसित करने का प्रस्ताव किया है जो पूर्वोत्तर राज्यों को म्यांमार, बांग्लादेश और चीन के बाजारों से जोड़ेगा.

Read:

महिला अधिकार असंवैधानिक!!

Nawaz Sharif: पाक से रिश्ते सुधरने के आसार

लोकतंत्र पर कट्टरपंथियों का हल्ला बोल

Nawaz Sharif: पाक से रिश्ते सुधरने के आसार


Tags: Chinese PM, Chinese PM visit to India, India-China Trade Agreement, Chinese PM Li Keqiang, कैलाश मानसरोवर यात्रा, अमरनाथ यात्रा, India-China River Dispute, Brahmaputra River Dispute Between India and China, India-China ties, trade deficit issues, trade agreements, MoUs, Li Keqiang India visit


Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply