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भारत से संबंध रखने वाले नवजात बच्चे पर बंटा देश!

International Affairs
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हंगरी के माको शहर में हर साल मेयर द्वारा साल के पहले बच्चे को 250 पाउंड यानी लगभग 23 हज़ार रुपए दिया जाता है. इस वर्ष रिकार्डो रैक्ज नाम के इस बच्चे की चर्चा स्थानीय मीडिया द्वारा साल के पहले बच्चे के रूप में किया गया और उसके माता-पिता के साथ उसकी तस्वीर ने पहले पन्ने पर जगह पाई. तस्वीर के प्रकाशित होने के बाद से ही इस बच्चे की पहचान रोमा नस्ल के होने के कारण पूरे हंगरी में बहश छिड़ गया. आपको यह बता दें कि रोमा यूरोप का एक अल्पसंख्यक समुदाय है.


माना जाता है कि रोमा जनजाति जो यूरोप की एक घुमक्कड़ जनजाति है, उनके पूर्वज भारतीय थे. यूरोप के कई देशों में इस जनजाति को काफी हीन दृष्टी से देखा जाता है. रोमा जनजाति और यूरोप में उनकी स्थिति के बारें में अधिक जानकारी के लिए नीचे लिंक पर क्लिक करें.


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फेसबुक पर पांच हफ्ते पहले जन्में रिकार्डो रैक्ज नाम के इस बच्चे और उसकी मां की तस्वीर पोस्ट करते हुए हंगरी के दक्षिणपंथी जोब्बिक पार्टी के उपनेता इलोड नोवाक ने  कहा कि रिकार्डो 23 वर्षीय जिप्सी मां की तीसरी संतान है. उन्होंने लिखा, “हंगरी मूल के लोगों की आबादी दिन-पर-दिन कम होती जा रही है और बहुत जल्द हम अपने ही देश में अल्पसंख्यक बन जाएंगे. एक दिन ऐसा भी आएगा जब वे हंगरी का नाम बदलने का फैसला लेंग.  उस वक्त हम इस समस्या की गंभीरता से रूबरू होंगे.”


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नोवाक के इस पोस्ट के बाद आलोचनाओं और समर्थन का सिलसिला चल पड़ा है. इस बच्चे के पैदा होने से पूरे हंगरी में एक बहश शुरू हो गई है. नस्लवादी और नस्लवाद विरोधी एक दूसरे के सामने खड़े हो गए हैं. पैदा होने के कुछ ही दिनों में रिकार्डो हंगरी का सबसे चर्चित रोमा बन गया है. उसे लेकर सरकार और विपक्ष में भी घमासान छिड़़ा है.


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वहीं इस पूरे मामले पर रिकार्डा के पिता पीटर का कहना है कि वे एक शुकून भरी पारिवारिक जिंदगी चाहतें हैं जिसमें मीडिया की दखल न हो. वे बताते हैं कि उनका परिवार मोका शहर के किनारे बसे एक छोटे से गांव में रहने वाला एकमात्र रोमा परिवार है. गांव में सभी से उनके अच्छे संबंध हैं. उन्होंने इससे पहले कभी भी खुद को नस्लीय भेदभाव का शिकार नहीं पाया.


Roma-Getty


इलोड नोवाक ने अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगने से इंकार कर दिया है. उनका कहना है कि पीटर को माफी मांगनी चाहिए. जबकि पीटर की शिकायत है कि वे मानने के लिए तैयार ही नहीं हैं कि जिप्सी लोग भी हंगरी के निवासी है. वे कहते हैं कि मीडिया में भी जिप्सी लोगों की बढ़ती आबादी के बारे में चिंता व्यक्त की जा रही है जो कि एक गलत चलन है. Next…



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