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परीक्षाओं में नकल की बात जब छिड़ती है तो दीमाग में वह तस्वीर उभरने लगती है जिसमें छात्रों के अभिभावक और सगे-संबंधी उंची-उंची इमारतों पर चढ़कर प्रशासन के नाक के नीचे नकल की पर्चियां क्लास रूम में पहुंचाते हैं. बिहार के हाजीपुर जिले की वह तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी.
बदलते दौर में जहां शिक्षा का व्यावसायीकरण बढ़ा है वहीं छात्रों में नकल को लेकर तरीकों में इजाफा भी हुआ है. तकनीक के इस दौर में परीक्षाओं में नकल करने के साधन इतने बढ़ चुके है जिस पर रोक लगाना परीक्षा निरीक्षक के लिए एक चुनौती जैसा है.
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वैसे परीक्षाओं में नकल करना कोई आज के समय की बात नहीं है. अठारहवीं शताब्दी में स्कूली परीक्षाओं में नकल को रोकने के लिए ‘एंटी चीटिंग हैट्स’ का निर्माण किया गया था. ये एक तरह की टोपी है जिसे पहनने के बाद विद्यार्थी केवल डेस्क पर रखे अपने अंसरशीट को ही देख सकता है. अगर गलती से उसने अपना सर हिलाया तो दूर से परीक्षा निरीक्षक को पता चल जाता था कि फलाने डेस्क पर कुछ हरकत हो रही है. उपर तस्वीर में देख सकते हैं कि नकल रोकने का यह तरीका कितना अजीबोगरीब है.
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हालांकि यह जानकर आपको हैरानी होगी कि यह अजीबोगरीब तरीका आज भी देखने को मिल जाता है. कुछ साल पहले थाइलैंड में बैंकाक के एक यूनिवर्सिटी में नकल को रोकने के लिए ‘एंटी चीटिंग हेलमेट’ पहना था. इस हेलमेट को एक विद्यार्थी ने ही बनाया था….Next
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