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एक ऐसी कम्पनी जिसके कर्मचारियों की बोनस सुर्खियाँ बन जाती है उसके बारे में जानना शायद आपको रूचिकर लगे! यह ऐसी कम्पनी है जिसने वर्ष 2011 में अपने कर्मचारियों को बोनस के दो विकल्प दिये थे. उनमें से एक 35,000 अमेरिकी डॉलर की राशि और दूसरी नयी कार खरीदने के लिये 50,000 अमेरिकी डॉलर की सहायता राशि का विकल्प था.
इस साल क्रिसमस से पहले और कम्पनी के बढ़ते लाभ के कारण कम्पनी प्रबंधन ने अपने कर्मचारियों को 1,00,000 अमेरिकी डॉलर की राशि बतौर बोनस देने का फैसला लिया है. इसका आशय यह है कि कुल 1,381 कर्मचारियों में से प्रत्येक को 1,00,000 अमेरिकी डॉलर की राशि बोनस के रूप में दी जायेगी.
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इस बड़ी निजी कम्पनी का नाम हिलकॉर्प एनर्जी है. तेल और प्राकृतिक गैस के अन्वेषण में लगी इस कम्पनी के संस्थापक और अध्यक्ष जेफरी हिल्डेब्रांड हैं. इस बारे में कम्पनी साफगोई से कहती है कि, “सकारात्मक वृद्धि से उत्साहित कम्पनी प्रबंधन ने अपने कर्मचारियों को आगे भी प्रेरित करने के लिये यह कदम उठाया है.” इस वर्ष कम्पनी का उत्पादन 1,50,000 बैरल प्रतिदिन के आंकड़े को पार कर गया जो इस फैसले का आधार बना.
अब अगर आप इस बात की तुलना अपने कार्य और बोनस से करें तो यह प्रासंगिक नहीं लगता. भारत की निजी कम्पनियों की स्थिति ज्यादा बुरी है. कम्पनी प्रबंधन साल दर साल लाभ अर्जित करने पर भी इस तरह की उदारता दिखाने का साहस नहीं करती. यहाँ कम्पनी के मालिक कर्मचारियों की मेहनत से अर्जित किये लाभ को दूसरे क्षेत्रों में निवेश के लिये इस्तेमाल करते हैं जिसका एक कारण यहाँ श्रम का सस्ता होना है.Next….
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